NPCI Status Kaise Check Kare Mobile Me : आज के समय पर आप कहीं से भी सरकारी पैसा या मुआवजा का पैसा अपना बैंक अकाउंट में लाना चाहते हो तो Direct Benefit Transfer होना बहुत ही जरूरी है।
NPCI और DBT दो ऐसी बात है जिसको उपयोग करके भारत सरकार के द्वारा डिजिटल के जरिए आपके पास पैसा भेजा जाता है। इन दोनों को बनाने का उद्देश्य लोगों के पास सुरक्षित उनका पैसा पहुंचाना। एनपीसीआई और डीबीटी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं लेकिन इनका काम अलग-अलग होता है।
इनके बारे में और विस्तारित रूप से हम लोग आज की आर्टिकल में बात करने वाले हैं दोस्तों। DBT क्या है NPCI क्या है सारे डिटेल्स जानकारी इसी आर्टिकल में एक साथ में निचोड़कर रखे हैं।
इसके लिए आपको यह आर्टिकल को अंत तक पढ़ना पड़ेगा तो उसका तभी आपको सारी चीज समझ में आएगी। तो चलिए शुरू करते हैं यहां आर्टिकल को पढ़ना, और एक बात बताना चाहते हैं यह लेकर आपको पसंद आती है तो आप इन्हें जरूर दोस्तों के साथ साझा करना।
DBT क्या है?
डीबीटी का अर्थ है दोस्तों डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सीधी लाख हस्तांतर करना। यह एक प्रक्रिया है जिसकी द्वारा सरकार अपनी योजना की लाभ को जो की सहायता राशि होती है। लाभार्थियों की बैंक खाता में यह डीबीटी द्वारा ही भेजती है।
जैसे कि उदाहरण स्वरूप अगर कोई गरीब व्यक्ति सब सिटी या कोई स्कीम से पैसा पता है तो उसे इसी माध्यम से ही भेजा जाता है।
इसी प्रक्रिया की मदद से लाभार्थी को सीधे तरीके से ही अपने पेशाब में बैंक खाता में मिल जाती है। बीच में से जो बिचौलिया फायदा उठा लेते थे अब यह चीज को नहीं पता है डीबीटी की वजह से।
NPCI क्या है?
एनपीसीआई एक सरकारी संस्था है जिसकी मदद से भारतीय भुगतान प्राणी की निगरानी रखा जाता है। भारत में डिजिटल भुगतान और पैसा ट्रांसफर की प्रक्रियाओं को निमंत्रित करती है। एनपीसीआई का उद्देश्य गरीब व्यक्तियों को सुनिश्चित करना है कि देश में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली सुरक्षित है और सरल तरीके से इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
एनपीसीआई की मदद से प्रमुख प्रणालियों का निर्माण किया गया है, जैसे कि आपका UPI आइएमपीएस एप्स ऐसे बहुत सारी चीज।
एनपीसीआई की सहायता के डीबीटी द्वारा सरकार अपना पैसा को लाभार्थियों के पास पहुंचना है।
NPCI Status या डीपीटी स्टेटस कैसे चेक करें?
अगर अपनी कोई की योजना से पैसा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके बैंक खाता में आपका टीपीटी एक्टिव होना बहुत ही जरूरी है।
आपका डीबीटी एक्टिव है या नहीं उसे चेक करने के लिए आपको निर्माण लिखिए कदमों को अपनाना है:
- सबसे पहले आपको एनपीसीआई ट्रैक्टर्स ऑफिशल वेबसाइट पर जाना है।
- वहां पर आपको Consumer से संबंधित विकल्प दिखाई देता है वहीं पर आपको चुना है।
- उसके बाद Bharat Aadhaar Seeding Enabler ( BASE) पर आपको जाना है।
- वही खुल जाने के बाद आपको दाहिने तरफ Aadhaar Mapped Status नाम का एक ऑप्शन आता है वहीं पर आपको जाना है।
- वही खुल जाने के बाद आपके सामने आधार कार्ड डालने का ऑप्शन आ जाएगा और आपको वहीं पर दिया गया कैप्चा को डालकर चेक स्टेटस विकल्प को चुना है।
NPCI या DBT लिंक मे लिंक कैसे करें ?
इसके लिए सबसे पहले आपको ऑफिशल वेबसाइट पर जाना है।
- वहां पर आपको कंज्यूमर से संबंधित विकल्प मिलेगा वहीं विकल्प को चुना है।
- ऑफिशल साइट खुल जाने के बाद आपके सामने भारत आधार सीडिंग विकल्प को चुना है।
- उसके बाद आपके सामने दाहिने तरफ आधार से दिन और दी-सीडिंग का ऑप्शन दिखाई देता है वहीं से आपको एक विकल्प को चुना है।
- उसके बाद आपका पर्सनल डिटेल्स संबंधित देने के लिए यहां पर बताया गया है उसे डालकर आप अपना लिंक कर सकते हो।
एनपीसीआई और डीबीटी के फायदे क्या है?
एनपीसीआई और डीबीटी दोनों ही योजनाओं के जरिए भारत में डिजिटल लाभार्थियों को पैसा भेजने का काम करते हैं जो की एनपीसीआई एक संस्था है और संस्था के जरिए से डीबीटी काम करता है।
- डीबीटी के माध्यम से सभी लाभार्थियों को समान रूप से लाभ मिलता है जो की एक ही बटन पर चुनकर सभी को पैसा एक बार में भेजा जा सकता है।
- डीबीटी के माध्यम से समय की बचत होती है जहां पर आप बड़ी आसानी से हजारों या लाखों लोगों को एक साथ पैसा भेजा जा सकता है।
- डीबीटी के द्वारा ऑनलाइन ट्रैकिंग भी किया जा सकता है किसके खाता में पैसा गया और किसके खाता में नहीं वही आपको बड़ी आसानी से पता लग जाता है।
कौन-कौन सी सरकारी योजना का पैसा डीबीटी के द्वारा मिलता है।
डीबीटी के माध्यम से कोई सरकार योजना का पैसा लाभार्थियों को खाता में भेजा जाता है जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना पेंशन योजना सुभद्रा योजना गैस सब्सिडी पीएम आवास योजना इस तमाम चीज जिसके द्वारा पैसा डीबीटी के माध्यम से भेजा जाता है।
आपके मनपसंद की चीज यह भी है आप चाहे तो इन्हें पढ़ सकते हो।
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निष्कर्ष
एमपी से और डीबीटी दोनों मुख्य उद्देश्य है भारत सरकार जो भी लाभार्थियों को पैसा पहुंचता है उनको मदद करना। डीबीटी के माध्यम से सरकारी मदद करी पैसा बड़ी आसानी से लोगों के पास पहुंच जाता है जबकि एमपी से इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से और सुरक्षित रखने के लिए वहीं पर खरीदना है देता है।
2025 में दोनों को और भी अच्छी तरह से काम करने की लक्ष्य राखी कैसे अच्छी तरह से और सुरक्षित हो सकती है और तेजी से कैसे काम किया जा सकता है उसके ऊपर सही तरीका से काम चल रहा है और आगे हमारे भारत बढ़ते ही जा रहा है।